हमारी धरती पर लाखों तरह के जीव रहते हैं — छोटे से छोटे सूक्ष्म जीव से लेकर विशाल हाथी तक। इन सभी जीवों की विविधता को ही "जैव विविधता" कहते हैं।
2.1. कितने तरह के जीव हैं?
अब तक वैज्ञानिकों ने लगभग 1.7 से 1.8 मिलियन (17 से 18 लाख) जीवों की प्रजातियों की पहचान कर ली है।
पर असल में धरती पर मौजूद जीवों की संख्या इससे कई गुना ज्यादा हो सकती है, शायद 5 से 10 मिलियन!
2.2. नामकरण क्यों जरूरी है?
सोचिए अगर हर जगह एक ही जीव को अलग-अलग नामों से बुलाया जाए तो कितनी confusion होगी!
इसलिए वैज्ञानिकों ने तय किया कि हर जीव को एक मानक (standard) नाम दिया जाए — जिसे पूरी दुनिया एक ही नाम से पहचाने।
इसी जरूरत से जन्म हुआ: "नॉमेनक्लेचर" का।
3. जीवों का नामकरण (Nomenclature)
3.1. बायनॉमियल नामकरण (Binomial Nomenclature)
इसे कार्ल लीनियस (Carl Linnaeus) ने शुरू किया।
इसमें हर जीव का नाम दो भागों में होता है:
1. जीनस (Genus) – पहला शब्द
2. प्रजाति (Species) – दूसरा शब्द
उदाहरण:
मनुष्य का वैज्ञानिक नाम है Homo sapiens
Homo → जीनस
sapiens → प्रजाति
3.2. कुछ नियम (ICZN द्वारा बनाए गए):
वैज्ञानिक नाम Italic में लिखे जाते हैं या अलग से रेखांकित (underline) किए जाते हैं।
पहला शब्द (Genus) का पहला अक्षर बड़ा होता है, दूसरा शब्द (Species) का छोटा।
हर नाम लैटिन भाषा पर आधारित होता है।
4. वर्गीकरण (Classification) का महत्व
हर जीव को सही तरीके से पहचानने और समझने के लिए जरूरी है कि उसे किसी श्रेणी (category) में रखा जाए। इस प्रक्रिया को कहते हैं – वर्गीकरण (Classification)।
4.1. वर्गीकरण से फायदे:
जीवों को पहचानने में आसानी होती है।
उनके आपसी संबंधों को समझा जा सकता है।
नए जीवों को सही जगह फिट किया जा सकता है।
5. वर्गीकरण की श्रेणियां (Taxonomic Categories)
ये ऐसे स्तर (levels) होते हैं जिनमें जीवों को विभाजित किया जाता है। नीचे से ऊपर तक ये हैं:
1. प्रजाति (Species)
2. जीनस (Genus)
3. कुल (Family)
4. वर्ग (Order)
5. वर्ग (Class)
6. संघ/संवर्ग (Phylum – जानवरों के लिए / Division – पौधों के लिए)
7. जगत (Kingdom)
हर जीव को इन श्रेणियों में एक क्रम से रखा जाता है। इसे कहते हैं टैक्सोनोमिक हायरेरकी (Taxonomic Hierarchy)।
6. टैक्सोनॉमी और सिस्टमैटिक्स (Taxonomy & Systematics)
Taxonomy – नामकरण, पहचान और वर्गीकरण का विज्ञान है।
Systematics – इसमें taxonomy के साथ-साथ जीवों के आपसी रिश्तों (evolutionary relationships) का अध्ययन भी होता है।
7. हर्बेरियम, जीवविज्ञान उद्यान, संग्रहालय, प्राणी संग्रह (Herbarium, Botanical Gardens, Museums, Zoological Parks)
Herbarium – सूखे पौधों की संग्रहशाला (पत्तियां, फूल आदि सुखाकर जमा किए जाते हैं)।
Botanical Garden – जहां अलग-अलग पौधों को प्राकृतिक रूप से उगाकर रखा जाता है।
Museum – जहां जीवों के नमूने (preserved specimens) रखे जाते हैं।
Zoological Park (चिड़ियाघर) – जहां जीवित जानवरों को सुरक्षित रखा जाता है, जैसे – दिल्ली या मैसूर का चिड़ियाघर।
8. कुंजी (Key) और अन्य साधन
Key – ये पहचानने का तरीका होता है जिससे किसी जीव की पहचान की जा सके।
इसमें हर बार दो विकल्प दिए जाते हैं — इसे dichotomous key कहते हैं।
इसके अलावा Flora, Fauna, Manuals, और Catalogues जैसे स्रोत भी इस्तेमाल किए जाते हैं।
No comments:
Post a Comment